स्वराज का मतलब क्या है? और हमें स्वराज क्यों चाहिए? क्या अंगे्रज़ों के चले जाने से भारत में स्वराज नहीं आ गया? और फिर जब स्वराज आ गया है तो सुराज की बात कीजिए, सुशासन की बात कीजिए!
क्या हम सिर्फ इस बात से खुशी हो सकते हैं कि 60 साल पहले हमारे मुल्क में स्वराज आ गया था। 60 साल पहले जो आया था उसके बाद भी लोग लोग ग़रीबी, अपराध्, अशिक्षा, जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं, टूटी हुई सड़कों यहां तक कि पुलिस और सरकारी कर्मियों के भ्रष्टाचार और दुव्र्यवहार से दुखी हैं जबकि ये ऐसी समस्याएं जिन्हें आसानी से हल किया जा सकता है। कागजों पर तो इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए योजनाएं बनाई जाती है, धन भी मुहैया कराया जाता है लेकिन धरातल पर होता कुछ नहीं। जब लोग अधिकारियों से शिकायत करते है तो अधिकारी उनकी एक नहीं सुनते।
सरकार से रोज़मर्रा की शिकायतें करते करते आम आदमी थक चुका है लेकिन इस असफलता और कुप्रबंधन के खिलाफ वह एक आम आदमी के रूप में कुछ नहीं कर सकता, सिवाय पांच साल में एक बार वोट देने के।
क्या हम सिर्फ इस बात से खुशी हो सकते हैं कि 60 साल पहले हमारे मुल्क में स्वराज आ गया था। 60 साल पहले जो आया था उसके बाद भी लोग लोग ग़रीबी, अपराध्, अशिक्षा, जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं, टूटी हुई सड़कों यहां तक कि पुलिस और सरकारी कर्मियों के भ्रष्टाचार और दुव्र्यवहार से दुखी हैं जबकि ये ऐसी समस्याएं जिन्हें आसानी से हल किया जा सकता है। कागजों पर तो इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए योजनाएं बनाई जाती है, धन भी मुहैया कराया जाता है लेकिन धरातल पर होता कुछ नहीं। जब लोग अधिकारियों से शिकायत करते है तो अधिकारी उनकी एक नहीं सुनते।
सरकार से रोज़मर्रा की शिकायतें करते करते आम आदमी थक चुका है लेकिन इस असफलता और कुप्रबंधन के खिलाफ वह एक आम आदमी के रूप में कुछ नहीं कर सकता, सिवाय पांच साल में एक बार वोट देने के।
- किसके लिए काम करती हैं सरकारें?
- किसके लिए काम करते हैं अधिकारी?
- लाचार सांसद और विधायक !
- स्वराज: अभी कहां खड़े हैं हम?
- स्वराज: कैसे सुधरेगी शिक्षा?
- स्वराज: कैसे सुधरेगी स्वास्थ्य व्यवस्था?
- स्वराज: कैसे दूर होगी गरीबी और बेरोजगारी?
- स्वराज: कैसे ठीक होगी सफाई व्यवस्था?
- स्वराज: कैंसे ठीक होंगी सडकें?
- स्वराज: कैसे लगेगी भ्रष्टाचार पर रोक?
- स्वराज: कैसे सुलझेंगे जमीन और उद्योग के मुद्दे?
- स्वराज: कैसे सुलझेंगे लोगों की समस्याएं?
- प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था का स्वरूप
- विदेशों में जनता कि भागीदारी
- स्वराज की अवधारणा: शंका एवं समाधान
- लोक सभा न विधान सभा, सबसे ऊंची ग्राम सभा