गांवों और शहर के भीतरी इलाकों की सड़कें इतनी खराब स्थिति में है कि इन्हें तत्काल ठीक करने की जरुरत है। पैसे की कमी के चलते ये सड़कें खराब नहीं है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुछ सड़कों की मरम्मत तो एक साल में कई-कई बार की जाती है वही कुछ पर ध्यान भी नहीं दिया जाता या उनके बनाने में घटिया सामग्री लगती है। सूचना अधिकार कानून से मिली जानकारी के मुताबिक बहुत सी सड़कें तो केवल कागज पर ही बनाई जाती हैं, लेकिन फिर भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंदर की सड़कों को ग्राम सभा या मोहल्ला सभा के हवाले कर देना चाहिए। लोग यह निर्णय करें कि किस सड़क की मरम्मत सबसे पहले करनी है। ठेकेदार का भुगतान तब तक नहीं किया जाना चाहिए जब तक मोहल्ला सभा की खुली बैठक में लोग उसके द्वारा किए गए काम को पास न कर दें। अगर इसमें भ्रष्टाचार का कोई मामला प्रकाश में आता है तो मोहल्ला सभा के पास दोषी अधिकारी को सस्पेंड करने, वेतन रोक लेने या उस पर जुर्माना लगाने का अधिकारी होना चाहिए। मोहल्ला सभा चाहे तो पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए भी कह सकती है।
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