Visit blogadda.com to discover Indian blogs मेरा गाँव मेरी सरकार: आप भी जुड़िये

आप भी जुड़िये

  • स्वराज अभियान से जुड़ने का मतलब है कि स्वराज की अवधारणा को समझना और फिर अपने मोहल्ले या गांव में इस तरह की व्यवस्था की स्थापना के काम में जुटना।
  • इसके लिए किसी शहरी मोहल्ले या गांव के 15-20 युवा शुरुआत कर सकते हैं। ये युवा पहले तो खुद इस अवधरणा कि ठीक से समझें और तब अपने मोहल्ले में इस बारे में अन्य लोगों से बातचीत करें ताकि मोहल्ले या गांव के अधिक से अधिक लोग इस संबन्ध् में जान सकें।
  • ध्यान रहे कि इस क्रम में राजनीति दो स्पष्ट ध्रवों में बंटेगी। एक वो जो स्वराज के पक्ष में हैं जो लोगों के तंत्र में विश्वास रखते हैं, वे चाहेंगे कि सत्ता सीधे जनता के हाथ में हो। दूसरे वे जो यह मानते हैं कि लोग फैसले नहीं ले सकते, फैसला लेने के लिए तो कोई प्रतिनिधि चाहिए ही।
  • जब अपने गांव और मोहल्ले में बात करना शुरू करेंगे तो पहली श्रेणी के लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ेगी। संख्या बढ़ेगी तो गांव के प्रधान या मोहल्ले के निगम पार्षद को उससे संबिन्ध्त सारे फैसले हर महीने मोहल्ला सभाओं में करने के लिए तैयार किया जा सकेगा।
  • अभियान का मकसद है कि अधिक से अधिक शहरों और गांवों में सारे फैसले मोहल्ला सभाओं और ग्राम सभाओं के माध्यम से हों।
  • जहां-जहां यह संभव हो सके और उससे गांव के माहौल व विकास में आए बदलाव को बाकी जगह बताया जाए ताकि यही प्रक्रिया वहां भी शुरू हो सके।
हमें ये ध्यान रखना होगा कि सकारात्मक परिणाम आने में वक्त लगेगा जैसा कि ब्राजील का अनुभव हमें बताता है, ऐसा होने में कई-कई साल का भी समय लग सकता है। शुरुआत में लोग गलती भी करेंगे। लेकिन फिर वो अपनी इसी गलती से सीखेंगे भी। और इसी तरह एक लोकतंत्र परिपक्व और विकसित भी होता है। लेकिन एक बार लोगों को अपनी अभिव्यक्ति और इस व्यवस्था का महत्व समझ में आ जाए तो फिर इनका भला तो होगा ही, उस राजनीतिक दलों को भी इसमें फायदा नज़र आएगा और वे इस व्यवस्था को कानूनी जामा पहनाने में भी अपना भला देखेंगे।

इस अभियान के संबन्ध् में किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए संपर्क कर सकते हैं -
ईमेल: swaraj.abhiyan@gmail.com
फोन: 09718255455