देश भक्ति का मतलब अपने देश का नाम रटते रहना नहीं है.
अपने आस पास के लोगों, परिवार, समाज, और प्रकृति के प्रति प्रेम और कुछ करने की भावना ही देश प्रेम है. जो लोग अपने गांव और समाज से प्रेम नहीं कर सकते उन्हें अपने देश से प्रेम कैसे हो सकता है?
"लगभग हर जगह, अच्छे अच्छे लोग भी, सरकार का इन्तज़ार कर रहे हैं, सत्ता में बैठे उन लोगों का इन्तज़ार कर रहे हैं जिनका अस्तित्व ही समाज को बांटने और तोड़ने से बनता है... लोग इन्तज़ार कर रहे हैं भगवान का कि हमारे गांव के लोगों में एकता आ जाए, भाईचारा बढ़ जाए... तो हम भी अपने गांव में कुछ अच्छा करें... सदियों तक भी बैठे रहेंगे तो भी कोई भगवान, कोई नेता, कोई अफसर नहीं आने वाला है कि लीजिए आज मैं आपके गांव को एकता देता हूं. ये अभियान एक कोशिश है कि लोग अपने अपने गांव में "स्वराज" यानि "स्वयं का राज" की स्थापना का बीड़ा उठाएं... सब अपने अपने गांव में कहें कि - मेरा गांव मेरी सरकार."