Visit blogadda.com to discover Indian blogs मेरा गाँव मेरी सरकार: स्वराज अभियान पर निकले राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र

स्वराज अभियान पर निकले राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र

गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्र टीम ने फरवरी और मार्च महीनों के दौरान हिसार ज़िले के कई गांवों में स्वराज का विचार पहुंचाया। छात्रों का यह प्रयास काफी सफल रहा। पूर्व योजना के अनुसार गांवों में सूचना दे दी जाती थी कि एक ऐसी बैठक होने जा रही है जिसमें ग्राम स्वराज पर चर्चा होगी। उसी गांव में रहने वाले किसी छात्र अथवा अन्य परिचित व्यक्ति के माध्यम से गांव में बैठक की सूचना गांव के लोगों तक पहुंचाई जाती। बैठक के दौरान `हिवरे बाज़ार´ की फिल्म दिखाने के लिए एक टीवी, सीडी प्लेयर तथा इन्वर्टर अथवा बैटरी की व्यवस्था की ज़िम्मेदारी भी गांव के ही किसी व्यक्ति द्वारा निभाई जाती थी। 
बैठकों का स्थान आम तौर पर ग्राम पंचायत भवन, स्कूल या किसी व्यक्ति का दालान होता था। आम तौर पर छात्रों की संख्या के आधर पर टीमें बनाई जाती थी। एक टीम एक दिन में दो या तीन गांवों में जाकर स्वराज की बात रखती थी। हालांकि कुछ ऐसे भी मौके आए जब एक टीम ने एक दिन में छह गांवों का दौरा भी किया। छात्रों का यह पूरा अभियान राष्ट्रीय सेवा योजना के कॉर्डिनेटर डॉ सन्दीप राणा तथा सुनील कुमार की अगुवाई में चलाया गया। 
बैठक की शुरुआत में ही डा. राणा अथवा सुनील कुमार लोगों के सामने यह स्पष्ट कर देते थे कि न तो हम किसी राजनीतिक संगठन से हैं और न ही किसी विशेष उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने आए हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना का परिचय देते हुए बैठक में स्वराज का विचार स्पष्ट किया जाता। इसके तहत सबसे पहले हिवरे बाज़ार की फिल्म दिखाई जाती। फिल्म दिखाने के बाद छात्रों द्वारा बताया जाता कि हम एक विचार लेकर आपके बीच आए है कि कैसे आम आदमी और पूरा गांव बेहतर हो सकता है। कैसे दैनिक समस्याओं का निवारण हो सकता है। इस विचार को नाम दिया गया है- `स्वराज´ यानी अपना राज। उन्होने आगे बोलते हुए बताया कि स्वराज महात्मा गांधी जी का सपना था।
इसके बाद गांव के लोगों से उनकी समस्याओं पर बातचीत का दौर शुरू होता। किसी गांव में नहर के पानी की समस्या है तो कहीं सफाई और राशन व्यवस्था को लेकर लोग परेशान हैं। गांव के लोगों ने माना कि स्वराज व्यवस्था तुरन्त लागू करनी होगी अथवा उनकी समस्याएं ज्यों की त्यों बनी रहेगी। लोगों का यह भी विचार था कि सामुदायिक कार्यो को अर्थात आपसी भाईचारे वाले कार्यो को बढ़ावा मिले जिससे आपसी एकता पैदा हो और ग्राम सभा के विचार को बल मिले। लगभग हर गांव में लोगों ने सर्वसहमति बनाई कि इस बार वोट मांगने आने वाले प्रत्येक उम्मीदवार से पहले यही शपथ लेंगे कि क्या वो जीतने के बाद गांव मे ग्राम सभा करवाएगा।
लगभग सभी गांवों में राष्ट्रीय सेवा योजना की टीम को दोबारा गांव मे आने का निमन्त्रण दिया गया। कई गांवों में लोगों ने हिवारे बाज़ार की सी.डी. की मांग की और एक माह तक प्रतिदिन गांव मे दिखाने की का संकल्प भी लिया।

0 comments:

Post a Comment